लोकरंग सांस्कृतिक समिति, जोगिया फाजिलनगर (कुशीनगर ) द्वारा जनकवि रमाशंकर ‘विद्रोही’ को समर्पित ‘लोकरंग 2016’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 07-08 मई 2016 को जोगिया जनूबी पट्टी में किया गया था |
Month: January 2023
लोकरंग 2015 का आयोजन
लोकरंग के माध्यम से लोक को संवारने का प्रयास कुशीनगर जिले के जोगिया जनूबी पट्टी गांव में हर वर्ष आयोजित होने वाला लोकरंग कार्यक्रम का दो दिवसीय समारोह 12 और 13 अप्रैल को आयोजित हुआ। यह आयोजन का आठवा वर्ष था। इस बार का आयोजन असहयोग आंदोलन के दौरान अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत का…
लोकरंग 2014, एक यादगार आयोजन
लोकरंग 2014, एक यादगार आयोजन कुशीनगर के एक साधारण से गांव, जोगिया जनूबी पट्टी में लोकरंग 2014 का भव्य और शानदार आयोजन, देश स्तर का शायद पहला आयोजन कहा जा सकता है, जहां लोक संस्कृतियों को सहेजने, उनके सामाजिक और जनपक्षधर स्वरूप को मंच पर प्रस्तुत कर, फूहड़पन के विरुद्ध एक अभियान चलाने जैसा पहल…
लोकसंस्कृति के संरक्षण का अनूठा प्रयास – Lokrang 2013
लोकसंस्कृति के संरक्षण का अनूठा प्रयास गोरखपुर से कुशीनगर होते हुए बिहार जाने वाले नेशनल हाइवे पर फाजिलनगर कस्बे से जो सड़क दक्षिण की तरफ मुड़ती है वह जोगिया गांव ले जाती है। यह नेशनल हाइवे अब फोर लेन बाईपास में बदल चुका है। अब इस पर गाडियां 100 किमी से भी ज्यादा रफतार से…
लोक की कविता का उत्सव ‘लोकरंग-2013’
लोक गायक और कलाकार, पुरबी के बादशाह स्वर्गीय महेन्दर मिसिर की स्मृति को समर्पित, कथाकार सुभाष चन्द्र कुशवाहा के गाँव जोगिया जनूबी पट्टी (कुशीनगर ) में गत १५-१६ मई को सम्पन्न लोक-कलाओं का अनूठा रंगारंग समागम छठां लोकरंग-2013 देखते हुए रेणु की कहानियों की वह आत्मीय और रागपूर्ण दुनिया याद आ रही थी, जो जीवन…
जोगिया से बहती ‘लोकरंग’ की बयार – लोकरंग 2011
जोगिया से बहती ‘लोकरंग’ की बयार कुशीनगर के जोगिया गांव में लगातार चैथी बार लोकरंग का आयोजन 26 और 27 अप्रैल को संपन्न हुआ। इस बार का आयोजन, विगत के आयोजनों से ज्यादा व्यवस्थित, भव्य और विविधता लिये हुये था। इस बार की महत्वपूर्ण उपलब्धि यह थी कि कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए कथाकार सुभाष…
लोकरंग- 2010 : पधारो म्हारो जोगिया रे
कुशीनगर जिले के जोगिया गांव में लोकरंग के तीसरे संस्करण में आठ और नौ मई को लोक कलाकारों, साहित्यकारों, रंगकर्मियों की एक बार फिर जुटान हुई। लोक कलाकारों और साहित्यकारों के लिए जोगिया एक बार फिर सजा धजा था। रंग-बिरंगे झण्डों, पतंगों, गुब्बारों और कविता-गीत के पोस्टरों के साथ। नाट्य मंचन में असुविधा को देखते…
“सांस्कृतिक फूहड़पन और भड़ैंती के विरूद्ध” (लोकरंग 2009)
“सांस्कृतिक फूहड़पन और भड़ैंती के विरूद्ध” लोककला का उत्सव और उत्सव का गांव के रूप में चर्चित जोगिया जनूबी पट्टी,आजकल चर्चा में है । यह गांव गौतम बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर से लगभग 17 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक छोटा सा कस्बा,फाजिलनगर से तीन किलोमीटर दूर है । राष्ट्रीयकृत मार्ग से एक…
‘लोकरंग 2010’, 8- 9 मई के लिए महाश्वेता जी का संदेश
‘लोकरंग 2010’, 8- 9 मई के लिए महाश्वेता जी का संदेश ( A message from Mahasveta Devi to ‘Lokrang 2010’ )
लोकरंग सांस्कृतिक समिति की अन्य मंचों पर प्रस्तुतियां
– उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा काशी में आयोजित व्यास महोत्सव(28 से 2 दिसम्बर 2009) में, लोकरंग सांस्कृतिक समिति ने 29 नवम्बर, 2009 सांय 7 बजे अस्सी घाट पर ढाई घंटे का `लोकरंग´ कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें जांघिया नृत्य, फरी नृत्य और हिरावल, पटना की गायन टीमों ने देशी, विदेशी पर्यटकों को लोक गायकी एवं…