कला जागरण, पटना द्वारा लोकरंग २०१४ में सुप्रसिद्ध साहित्यकार हृषिकेश सुलभ लिखित लोक नाटक, अमली प्रस्तुत किया गया । इस नाटक में समंती शोषण और अत्याचार में पीसती स्त्री ‘अमली’ की गाथा है जो बाहुबलियों की दरिंदगी का शिकार हो, विस्थापन का दर्द भोगती है।
इस नाटक के निर्देशक सुमन कुमार थे । मुख्य पात्र-अर्चना सोनी (अमली), अखिलेश कुमार सिन्हा (मुंशी जी), संजय राय (अबरार खान), दिव्य रत्न (महादेव राय), हीरालाल राय (सूत्रधार), सविता श्रीवास्तव (बुधिया), अमित कुमार सिन्हा (रमेसर), हर्ष झा (गड़बडि़या), सुनील कुमार भगत (बचना), मिथिलेश्वर (बुझावन काका), संजीव कुमार, समीर इमाम, कुमार आलोक, मृणाल गौतम, आशीष राय, माही, चंदन यादव और प्रवीण (सभी समाजी) ।
गायन-आदित्य गुंजन, मारकण्डेय, स्वेत प्रीति, नगाड़ा- विनोद पंडित, प्रस्तुति नियंत्रक-रोहित कुमार, प्रकाश व्यवस्था-उपेन्द्र कुमार का रहा ।