पहली रात, शुक्रवारः 13 अप्रैल
रात्रि 8.30 से 8.45 ‘लोकरंग-2018’ पत्रिका का लोकार्पण-प्रख्यात फिल्म निर्माता/निर्देशक सागर सरहदी, प्रख्यात हिन्दी लेखक प्रेम कुमार मणि, लोकसंस्कृति मर्मज्ञ तैयब हुसैन, पटकथा लेखक ब्रजमोहन द्वारा।
रात्रि 8.45 से 9.00 कार्यक्रम का अनौपचारिक उद्घाटन प्रख्यात फिल्म निर्माता/निर्देशक सागर सरहदी द्वारा ।
रात्रि 9.00 से 9.15 गांव की महिलाओं द्वारा लोकगीत ।
रात्रि 9.15 से 9.30 कठपुतली नाच, राजस्थानी कलाकारों द्वारा।
रात्रि 9.30 से 10.00 मालवा लोकनृत्य/वर्षागीत/फकीरी और निर्गुन गायन। मुख्य गायक-दयाराम सरोलिया, देवास, मध्यप्रदेश।
रात्रि 10.00 से 10.35 राजस्थानी लोक गीत एवं घूमर लोक नृत्य, लोकनृत्य समूह, जयपुर, राजस्थान की प्रस्तुति।
रात्रि 10.35 से 11.10 महिला आल्हा गायन । शीलू राजपूत एवं अन्य कलाकार, रायबरेली ।
रात्रि 11.10 से 11.40 बिहार का जट-जटिन और कमला पूजा नृत्य, मुख्य कलाकार-कुमार उदय सिंह ।
रात्रि 11.40 से 11.55 बांसुरी वादन। कलाकार-राजन गोविन्द राव, फरना रामकोला, रामकोला, कुशीनगर ।
रात्रि 11.55 से 12.05 स्मृति चिह्न वितरण।
रात्रि 12.05 से प्रातः 1 (14 अप्रैल) नाटक-बड़े भाई साहब । शैली-कहानी का रंगमंच। गुड़ी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान, रायगढ़, छत्तीसगढ़। लेखक-मुंशी प्रेमचंद, निर्देशक-योगेन्द्र चैबे, ग्वालियर।
दूसरा दिन, शनिवारः 14 अप्रैल
पूर्वाह्न 11 से अपराह्न 2 बजेविचार गोष्ठीविषय-सामाजिकता के निर्माण में लोक नाट्यों की भूमिका।
सहभागिता- प्रेम कुमार मणि (वरिष्ठ साहित्यकार, पटना), प्रो लालबहादुर वर्मा (देहरादून ), तैयब हुसैन (लोकसंस्कृति मर्मज्ञ, पटना), अब्दुल बिसमिल्लाह (साहित्यकार, दिल्ली), प्रो. दिनेश कुशवाह (वरिष्ठ कवि, रीवा), जितेन्द्र भारती (सामाजिक कार्यकर्ता, देहरादून), बलभद्र (कवि/आलोचक, गिरिडीह), मदनमोहन (वरिष्ठ कहानीकार, गोरखपुर), सुरेश कांटक (कहानीकार, आरा), रामजी यादव (कहानीकार, वाराणसी), प्रमोद रंजन (संपादक, फाॅरवर्ड प्रेस, दिल्ली), सिद्धार्थ (पत्रकार, दिल्ली), रामप्रकाश कुशवाहा (आलोचक, बलिया), धीरेन्द नाथ (साहित्यकार, डोईवाला, देहरादून), विद्याभूषण रावत (लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता, नोयडा), प्रकाश उदय (कवि, बनारस), गीता गैरोला (सामाजिक कार्यकर्ता, देहरादून), डा. महेन्द्र प्रसाद कुशवाहा (आलोचक, रानीगंज, पं.बंगाल), डाॅ.के.के. श्रीवास्तव, (रंगकर्मी, आसनसोल), योगेन्द्र चैबे (सुप्रसिद्ध रंगकर्मी, ग्वालियर), मनोज कुमार सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ पत्रकार, गोरखपुर) एवं अन्य साहित्यकार/रंगकर्मी ।
दूसरी रात, शनिवारः 14 अप्रैल
रात्रि 8.30 से 9.00 संकल्प, बलिया का गायन । निर्देशन-आशीष त्रिवेदी ।
रात्रि 9.00 से 9.20 गिरमिटिया भोजपुरी गायन । प्रख्यात सरनामी गायक राजमोहन, नीदरलैंड ।
रात्रि 9.20 से 9.45 निर्गुण गायन । मुख्य कलाकार -निर्मला यादव , कथरी बाग़ , बिहार बुजुर्ग, कुशीनगर ।
रात्रि 9.45 से 10.15 गोड़उ नृत्य । मुख्य गायक-नंदलाल राम, चैबे छपरा, बलिया। संग में मशहूर गायिका-चन्दन तिवारी ।
रात्रि 10.15 से 10.45 सूफी कौव्वाली। मुख्य कलाकार- इकबाल वारसी , देवा, बाराबंकी।
रात्रि 10.45 से 11.15 बणजारा-बणजारी और ग्रामीण भवाई नृत्य, लोकनृत्य समूह, जयपुर, राजस्थान की प्रस्तुति। निर्देशन-चन्दनलाल कालबेलिया।
रात्रि 11.15 से 11.30 पखावज नृत्य।
रात्रि 11.30 से 11.35 स्मृति चिह्न वितरण।
रात्रि 11.35 से प्रातः 1.00 (अप्रैल 15)नाटक-नेटुआ । प्रस्तुति-साइक्लोरामा नाट्य समूह, दिल्ली । लेखक-रतन वर्मा। निर्देशन-दिलीप गुप्ता।
प्रातः 1.00 (अप्रैल 15) से 1.10 धन्यवाद ज्ञापन/ग्रुप फोटोग्राफी/समापन ।