लोकरंग 2010 की प्रस्तुतियां
• बुन्देलखण्डी अचरी, ईसुरी फाग, बृजवासी गायन ।
• कौव्वाली, भोजपुरी और छत्तीसगढ़ी लोकगीत ।
• अहिरऊ, पखावज और हुड़का नृत्य ।
नाटक : बाबा पाखंडी ( लेखन/निर्देशन-डॉ योगेन्द्र चौबे )
अवधि : 70 मिनट
पात्र परिचय
मंच पर:-जोकर-जितेन्द्र चतुर्वेदी, टेटका -देवांग, बाप- जितेन्द्र चतुर्वेदी, अनुपम पाल, सास- कल्यानी मुखर्जी, ससुर- हुतेन्द्र शर्मा/लक्ष्मी नारायण बेहरा, टेटकी- आशा चन्द्रा/लक्ष्मी, राजा-शिवांगी मुखर्जी, गदहा- अविनाश मुखर्जी, गदहा मालिक-मोहन । कोरस- मोहन, प्रशान्त गुप्ता, अभिषेक शर्मा, शिवराज चौहान, देव ।
नेपथ्य: हारमोनियम-त्रिलोचन यादव, तबला-पुरूषोत्तम, नाल- चन्द्रदीप, बांसुरी और बेंजो- महेन्द्र महन्त, मंच प्रबंध-सुरेन्द्र सिंह ठाकुर, प्रसाधन- लक्ष्मीनारायण बेहरा, टिंकू देवांग, प्रकाश- गिरधारी साहू, अनुपम पाल
टीम प्रबंध-अनुपम पाल, युवराज सिंह आजाद, परिधान-अविनाश मिश्रा, प्रशान्त गुप्त, संगीत- हुतेन्द्र ईश्वर शर्मा ।
नाटक-गबरघिचोरन के माई अवधि -70 मिनट ।
पात्र परिचय
मंच पर:- नचनिया-सम्राट आध्या एवं जितेन्द्र चौरसिया, समाजी:1- नागेन्द्र नाथ पाण्डेय, समाजी:2- विष्णुदेव, समाजी:3- राजेश कुमार, महिला समाजी- श्वेता प्रीति, निशा यादव, गुड़िया, गलीज- आशुतोष कुमार मिश्र, गलीज बहू-गुड़िया कुमारी, गड़बड़िया-पीयुष कुमार, गबरघिचोर-अखिलेश कुमार, पंच-विनोद कुमार, जल्लाद- दीपक कुमार ।
मंच से परे:- प्रभारी पूर्वाभ्यासी- पीयुष कुमार/दीपक कुमार, प्रकाश परिकल्पना/वेशभूषा-तनवीर अख्तर, वेशभूषा प्रभारी- दीपक/सुमित, संगीत परामर्श- सीताराम सिंह, संगीत संचालन- नागेन्द्र नाथ पांडे, आशुतोष कुमार मिश्र, विष्णुदेव, प्रस्तुति नियन्त्रण- आशुतोष कुमार मिश्र, परिकल्पना एवं निर्देशन-तनवीर अख्तर ।
वैचारिक गोष्ठी
विषय-लोकगीतों की प्रासंगिकता
सहभागिता
हृषिकेश सुलभ (वरिष्ठ साहित्यकार एवं रंगकर्मी), मदनमोहन (गोरखपुर), संजीव (दिल्ली), अनिल सिन्हा, शिवमूर्ति (लखनऊ), प्रियंवद, देवेन्द्र (लखीमपुर खीरी), हरिनारायण (संपादक-कथादेश, दिल्ली), वीरेन्द्र यादव (आलोचक), देवेन्द्र आर्य (कवि,गीतकार,गोरखपुर), राजेश कुमार (प्रसिद्ध रंगकर्मी, लखनऊ), दिनेश कुशवाह (रीडर, हिन्दी विभाग, रीवा विश्वविद्यालय), डॉ0 तैयब हुसैन (पटना), मनोज सिंह, अरुणेश नीरन (प्रधान संपादक, समकालीन भोजपुरी साहित्य), कौशल किशोर (संयोजक-जसम, लखनऊ), कपिलदेव (आलोचक), वेदप्रकाश पाण्डेय (गोरखपुर), संजय जोशी (संयोजक `द ग्रुप´ जसम, गाजियाबाद) एवं सभी आमन्त्रित रंगकर्मी और जनपद के अन्य साहित्यकार ।