लोकरंग 2023 के मुख्य आकर्षण थे –
मालवा का कबीर गायन। मांडव लोक कला सांस्कृतिक संस्था, मध्यप्रदेश द्वारा भगोरिया लोक नृत्य। तारकेश्वर काजी थारू कल्चरल ग्रुप, महादेवा, पश्चिमी चम्पारन, बिहार द्वारा थारू नृत्य, जंतसारी, झमटा (स्त्री) और झकरा (पुरुष) गीत। दक्षिण अफ्रीकी भोजपुरी गायक, केम चांदलाल की प्रस्तुति। लखराज लोककला मंच, सुल्तानपुर द्वारा अवधी बिरहा गायन। मुख्य कलाकार-बृजेश यादव। खड़िया आदिवासी नृत्य, जिला-गुमला, झारखण्ड। नेतृत्व-वंदना टेटे (वरिष्ठ आदिवासी लेखिका)। नूपुर लोक कला संस्थान, सागर, मध्य प्रदेश द्वारा बधाई और नौरता लोक नृत्य।
साँझा पराती और फरुवाही
नाटक-1- जामुन का पेड़। परिकल्पना और निर्देशन-पुंज प्रकाश, दस्तक, पटना की प्रस्तुति।
नाटक-2-टैच बेचईया, नाचा थियेटर, रायपुर, छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति। लेखक-हरिशंकर परसाई, गम्मत रुपान्तरण-जीवन यदु, निर्देशक-निसार अली।
बहुरूपिया कलाकारों का प्रदर्शन। मुख्य कलाकार-शमशाद, बांदीकुईं, राजस्थान।