शहीद नजर अली, लाल मुहम्मद, भगवान अहीर और अब्दुल्ला को समर्पित लोकरंग २०१४
4 फरवरी, 1922, दोपहर 4 बजे किसानों के नेतृत्व में लगभग दो हजार से ज्यादा गांववालों ने सामंतों और पुलिस उत्पीड़न के विरोध में चौरा थाने को घेर लिया था ।
अनपढ़, गरीब और फटेहाल दलितों, मुसलमानों और पिछड़ी जातियों की अगुआई में इस आन्दोलन ने ब्रिटिश औपनिवेेशिक सत्ता को उखाड़ फेंकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और शहीद नजर अली, लाल मुहम्मद, भगवान अहीर और अब्दुल्ला के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने अपनी कुर्बानी दी ।
लोकरंग 2014, उन्हीं अमर शहीदों की याद में समर्पित है ।
विस्तृत और प्रमाणिक जानकारी के लिए पढ़ें- चौरी चौरा विद्रोह और स्वाधीनता आन्दोलन, प्रकाशक- पेंगुइन बुक्स